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यमुना
सन् 1983 में नदी-काव्य सर्जक डाॅ• अनन्त ने सर्वप्रथम यमुना नदी पर लेखनी चलायी। यमुना नदी काव्य उद्गम, प्रगति, राजधानी, लीलास्थली, मधुपुरी, प्रणयतीर्थ, तटवर्ती और संगम नामक आठ सर्गों में विभक्त है। इसमें कलिन्द-नन्दिनी के भौगौलिक-ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, दार्शनिक, प्राकृतिक इत्यादि सभी रूप वर्णित है। समग्रता की दृष्टि से यह प्रबन्धकाव्य आधुनिक हिन्दी कविता में यमुना पर लिखी अप्रतिम रचना (कृति) है।
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