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कावेरी अम्मन
राष्ट्र की भावनात्मक समेकता के उद्वेष्य से पूरित, कावेरी अम्मन‘ महाकाव्य डा0 अनन्त राम मिश्र की नदी काव्य सर्जना के अन्तिम चरण की रचना है। अठारह सर्गों में विभाजित यह महाकाव्य सन् 2015 में प्रकाषित हुआ जिसमें दक्षिण की शुभ गंगा कावेरी का वैदिक, पौरोणिक, सांस्कृतिक, राजनैतिक एवं भौगोलिक चित्रण आत्मकथात्मक शैली में प्रस्तुत है।
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