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सप्तसिंधु
हिन्दी में नदी-काव्य के पुरोधा कविवर डॉ∙ अनन्तराम मिश्र की काव्य-कृति 'सप्तसिन्धु' का प्रकाशन सन् 2000 में हुआ। इस महाकाव्य में सरस्वती, शतद्रु, परुष्णी, असिक्नी, वितस्ता, विपाशा और सिन्धु सहित सात भारतीय सुविख्यात नदियों का छन्दोबद्ध वृतान्त है। 'सप्तसिन्धु' प्रबन्ध काव्य में धीरोदात्त नायक के चरित्र चित्रण के स्थान पर 'नदी देवता' को केन्द्रीय पात्र के रूप में प्रतिष्ठित किया गया है। सात नदियों के सर्वांग सौन्दर्य-पूर्ण व्यक्तित्व इस महाकाव्य में बड़े ही कलात्मक ढंग के स्वगतकथन अथवा आत्मकथ्य शैली में रेखाकिंत हुए हैं।
कथा-संद्यटन, भाषाशैली, शैल्पिक-योजना, अभिव्यंजना की भंगिमा, लाक्षणिक प्रयोग, प्रकृति-निरूपण, जीवन-दर्शन, युगबोध इत्यादि सभी दृष्टियों से 'सप्त-सिन्धु' डा· अनन्त की अनुपम कृति है।
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